Sunflower Farming: अब किसान फलों और सब्जियों की खेती छोड़कर फूलों की खेती कर सकते हैं। फूलों की खेती किसानों के लिए अधिक लाभदायक है। इसमें किसान भाइयों को अच्छी खासी बचत भी हो जाती है. सूरजमुखी की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. इसकी खेती कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और बिहार में बड़े पैमाने पर की जा रही है।
सूरजमुखी की खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों का ही चयन करना चाहिए, ताकि अधिक बीज और तेल का उत्पादन हो सके। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूरजमुखी की किस्मों को मिश्रित और संकर के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। सूरजमुखी 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है.
सूरजमुखी की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- ईथर छिड़क कर जमीन तैयार करें।
- इसके बाद सूरजमुखी की उन्नत एवं संकर किस्मों की बुआई करें.
- खेत में अच्छी पैदावार के लिए सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए।
- किसान मिट्टी का परीक्षण कराकर नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर एवं सूक्ष्म तत्वों का उपयोग कर सकते हैं।
- सूरजमुखी की फसल पर फूल आने के समय बोरेक्स का छिड़काव किया जाता है, ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे।
- फसल को नील गायों और पक्षियों से बचाने के लिए खेत के खरपतवारों पर भी नियंत्रण रखना चाहिए।
क्या लाभ हैं - सूरजमुखी की खेती तेल के लिए की जाती है, लेकिन कई कंपनियां इससे सौंदर्य उत्पाद भी बनाती हैं। इसका उपयोग खाद्य तेल के रूप में भी किया जाता है। इसकी उन्नत खेती से किसानों को लाभ मिल सकता है क्योंकि इसकी मांग हर साल लगातार बनी रहती है. ऐसे में किसान भाई सूरजमुखी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तो आप भी तुरंत इसकी खेती शुरू कर दें.